कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी | Manch Sanchalan Shayari in Hindi

जब हम किसी कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं, तो उसकी पहली छाप बहुत मायने रखती है। और क्या बेहतर तरीका हो सकता है, इस शुरुआत को खास बनाने का, शायरी के माध्यम से!

शायरी न केवल भावनाओं का इजहार करती है, बल्कि लोगों के दिलों में एक अलग सी लहर पैदा करती है। इस लेख में हम खासतौर पर “कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी” पर चर्चा करेंगे। तो चलिए, बिना किसी देरी के, इस रोमांचक सफर की शुरुआत करते हैं!

कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी के उदाहरण

आपने देखा होगा कि जब भी हम किसी समारोह या कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं, तो एक अच्छी शायरी पूरे माहौल को रूमानी बना देती है। यह न केवल उपस्थित लोगों के मन में उत्साह भरती है, बल्कि कार्यक्रम की सार्थकता को भी बढ़ाती है। शायरी की हर एक पंक्ति मानों उस पल को खास बना देती है।

1. दुआओं की बारिश में, ख्वाबों की महक हो,
कार्यक्रम की शुरुआत हो, सबके दिलों के साथ हो।

2. सपनों की दुनिया में, हम सब खो जाएं,
कार्यक्रम की इस बेला में, खुशियों से भर जाएं।

3. मन की बातें हो जाएं, फिजा में महक बिखर जाए,
कार्यक्रम की शुरुआत एक नई राह दिखाए।

4. दिल दिल में बसते हैं, गले मिलते हैं यार,
कार्यक्रम की शुरुआत हो, सबको लग जाए प्यार!

5. खुशियों की इस महफिल में, सबका है स्वागत,
कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं, सब मिलकर ना हो कोई भेदभाव!

महिला संगीत कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी

जब हम इस महिला संगीत कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं, तो यह शायरी न केवल हमारे हृदयों को गायब करेगी, बल्कि हमारी आत्मा को भी उमंग से भर देगी। यह कार्यक्रम न केवल संगीत की सुंदरता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि महिलाओं की अनमोल योगदान की पहचान भी करेगा।

सात सूरों का संगम संगीत को है बनाता,
दो दिलो का बंधन शादी को है रचाता,
कई परिवारों का मिलन महफ़िल को है सजाता,
बुजुर्गो का आशीर्वाद, खुशियों में चार चाँद लाता,
खुशियों में चार चाँद लाता!

 

हर लम्हा है एक गीत, हर कदम में है नृत्य,
जोश से भरी कार्यशाला, महिलाएं देंगी जज़्बात।
अपने साजिंदों के साथ, हर दिल में बसी दास्तान,
संगीत का ये महोत्सव, बनाएगा हमारी पहचान।

 

संगीत की ताल पर, हम सब मिलकर गाएंगे,
महिलाओं की आवाज़ को, हम यहाँ सम्मानित बनाएंगे।
एक नई सुबह का आगाज़, एक नई पहचान का सफर,
महिला संगीत कार्यक्रम, हमें देगा नया नजर।

 

महिला संगीत सन्ध्या की आयी है सुहानी शाम,
नाच गाने से मनाकर कर देते हैं दूल्हा दुल्हन के नाम!

 

जज्बातों की तासीर, लफ्ज़ों की नज़ाकत,
महिलाओं की आवाज़ में है, एक अद्भुत मासूमियत।
संगीत के सुरों से सजेगा यह शाम,
उदित होगा नया सूरज, जब गूंजेगा यह नाम।

 

इन बच्चों ने की है इस प्रोग्राम की दमदार शुरुआत,
हौसला बढेगा हमारा अगर मिलेगा यु ही तालियों का साथ!

गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन शुरुआत के लिए शायरी

हर साल 26 जनवरी को हमारा देश गणतंत्र दिवस मनाता है, जो हमारे देश के संविधान को लागू करने की याद दिलाता है। यह दिन हमें हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत की याद दिलाता है। इस दिन को मनाने के लिए हमारे स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में मंच संचालन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो दर्शकों को आकर्षित करने और उन्हें कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।

अपनी आजादी का सुनहरा इतिहास है,
इस भूमि पर हर जाति धर्म का वास है,
आओ मिलकर संप्रभुता का पर्व मनाएं,
गणतंत्र जन जन का अटूट विश्वास है।

 

आजादी से जीना आसान होगा,
यहाँ हर जाति धर्म समान होगा,
सपना था कानून लिखने वालों का,
की हर भारतवासी इंसान होगा।

गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन शुरुआत के लिए शायरी

  • “आज हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, एक दिन जब हमारे संविधान को लागू किया गया था। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मनाएं।”
  • “गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं! आज हमारा देश स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मना रहा है। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की तरक्की के लिए प्रयास करें।”
  • “आज हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, एक दिन जब हमारे संविधान को लागू किया गया था। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मनाएं।”
  • “गणतंत्र दिवस पर हमें अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत की याद दिलाई जाती है। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की तरक्की के लिए प्रयास करें।”
  • “आज हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, एक दिन जब हमारे संविधान को लागू किया गया था। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मनाएं।”

मंच संचालन शायरी

मंच संचालन एक ऐसी कला है जिसमें एक व्यक्ति मंच पर खड़े होकर दर्शकों को आकर्षित करने और उन्हें अपनी ओर खींचने का प्रयास करता है। यह एक ऐसी कला है जिसमें शायरी, संगीत, नृत्य और अभिनय जैसे विभिन्न तत्वों का मेल होता है।

मंच संचालन शायरी एक ऐसी शैली है जिसमें शायरी के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित किया जाता है और उन्हें मंच पर होने वाले कार्यक्रम के बारे में बताया जाता है।

पंख ही काफ़ी नहीं हैं आसमानों के लिए,
हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानो के लिए।

 

शुरू हो चुकी है ये महफ़िल-ए-शायरी,
छुप गए ग़म, शुरू हुई ख़ुशी,
हमेशा मुस्कान रहे आपके चेहरे पर,
आईये स्वागत करते हैं आप सभी का इस मंच पर।

 

तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और,
कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है।

 

क़दम क़दम पे बिछे हैं गुलाब पलकों के,
चले भी आओ कि हम इंतिज़ार करते हैं!

 

हर मायूस को हंसाने का,
कारोबार है अपना,
दिलो का दर्द खरीद लेते हैं,
बस यही रोजगार अपना।

 

कानो में खनकती है खूबसूरत बालियाँ,
मजा तब आती है जब बजती है महफ़िल में तालियां।

 

ये माना की जिंदगी की राह आसान नहीं,
पर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं।

 

हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस का,
उसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे।

 

सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगे,
अल्लाह सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो।

 

खुदा ने ज़िंदगी दी है तो,
फिर किस बात का गम है,
और तालियां वो बजाओ जिनके,
हाथो में दम है।

 

कहते हैं कोई हिन्दू है तो,
कोई मुसलमान है,
लेकिन एक अच्छे कलाकार के लिए,
तालियां ही भगवान है।

मंजिले उन्हें मिलती है जिनके,
सपनो में जान होती है,
सिर्फ पंख होने से कुछ नहीं होता दोस्त,
हौसलों से उड़ान होती है।

 

मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,
मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।

 

दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से,
महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों के आने से।

 

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।

 

हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,
क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं।

 

आओ आज मुश्किलों को हराते हैं,
चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं।

 

शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,
वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।

 

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभी
हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।

अतिथि स्वागत मंच संचालन के लिए शायरी

हम जिन्हें बुलाते हैं,
वो बेहद खास होते हैं,
स्वागत है उनका,
जो हरदम दिल के पास रहते हैं!

 

देर लगी आने में तुम को,
शुक्र है फिर भी आए तो,
आस ने दिल का साथ न छोड़ा,
वैसे हम घबराए तो।

 

हमारे कार्यक्रम की शान हो,
मेरे दिल की जान हो,
आ गये मेरे गरीब खाने,
मेरे बुरे वक़्त की आन हो!

 

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।

 

तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चिराग़,
लोग क्या सादा हैं सूरज को दिखाते हैं चिराग़।

 

आप आये तो जैसे बहार आई,
आप के आने से खुशिया हज़ार आई,
समझ ना आये स्वागत करु कैसे आपका,
ऐसी खुशी दिल के बागानो से बाहर आई!

 

चंदन की खुशबू चौखट पर बिछाते हैं,
पवित्र भाव से खुशी के दीप जलाते हैं,
मेरे अतिथि आए हैं आज भगवान बनकर,
हमारे भगवान हो ह्रदय से तिलक लगाते हैं!

 

तुम जो आए हो तो,
शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और,
कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है।

 

बहुत शुक्रिया आपके आने का,
हमारी महफ़िल को सजाने का!

 

वो आज आये हैं महफ़िल में चांदनी लेकर,
कि फिर रौशनी में नहाने की रात आयी।

 

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है,
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।

 

देखो आ पहुँचे हैं कितने दोस्त पुराने से
पर महफ़िल की शान बढ़ गई आप के आने से!

धार्मिक मंच संचालन शायरी

धार्मिक मंच संचालन शायरी एक ऐसी विधा है जिसमें आध्यात्मिकता और ज्ञान का संगम होता है। यह शायरी न केवल हमारी धार्मिक भावनाओं को जागृत करती है, बल्कि हमें जीवन के मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में भी सिखाती है।

नसीबो में होता है तब, ये घडी आती है,
प्रभु से मिलन की तब, ये कड़ी आती है!

 

जो दिल से लगाता है जयकारा,
उसका दुःख हरते है प्रभु सारा,
और जो न बोले हरी का नाम कभी,
वो कैसे हो सकता है उनका प्यारा!

 

प्रभु तेरी भक्ति की मुझमें, थोड़ी आस जगा देना,
कर बैठु कुछ भूल अगर, उसको तुम भुला देना!

 

ईश्वर की कृपा से हमें जीवन मिला है, आइए हम इसे सार्थक बनाएं।”

 

“सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन को महान बना सकते हैं।”

 

“करुणा और दया के साथ हम अपने समाज को बेहतर बना सकते हैं।

स्कूल मंच संचालन शायरी

स्कूल मंच संचालन एक ऐसा अवसर है जहां छात्र अपने कौशल और प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकते हैं। इस अवसर पर, शायरी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जो न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरित भी करती है।

यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो स्कूल मंच संचालन शायरी के लिए उपयुक्त हो सकते हैं:

  • मैंने सीखा है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए, हमें अपने सपनों को पूरा करना होगा।”
  • शिक्षा हमें ज्ञान देती है, लेकिन अनुभव हमें बुद्धिमत्ता देता है।”
  • जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों को निर्धारित करना होगा और उनके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।”
  • जब भी कोई इंसान अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करता है, तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करता है”

 

दिल की गहराइयों से करते हैं स्वागत,
आज के इस कार्यक्रम का है खास समय,
बच्चों की हंसी, शिक्षकों का प्यार,
चलिए मिलकर मनाएं ये अद्भुत त्योहार।

 

कला का ये पिटारा, बच्चों का है जज़्बा,
मंच पर जो होंगे, वो ही हैं सच्चा,
प्रस्तुतियाँ होंगी, तालियों की गूंज होगी,
चलिए बनाएं आज की रात अनोखी।

 

धन्यवाद कहने का है ये जब वक्त आया,
मंच पर सभी ने मिलकर किया है जो साया,
शिक्षा की ज्योति जलती रहे यूं ही सदा,
हम सब मिलकर करेंगे आगे इसी राह चलते रहना।

कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी एक अद्भुत तरीका है। यह न केवल एक औपचारिक शुरुआत के लिए होती है, बल्कि सीधे दिलों को छूने का एक माध्यम भी। जब हम एक सुंदर शायरी के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत करते हैं, तो वह हमारे समारोह को और भी खास बना देती है।

क्या आपने भी कभी अपने कार्यक्रम को शायरी से सजाने का सोचा है? अगर नहीं, तो अगली बार जब आप कोई कार्यक्रम आयोजित करें, तो शायरी को शामिल करें। यह न केवल माहौल को हल्का बनाएगी, बल्कि मेहमानों के दिलों में एक यादगार छाप छोड़ देगी।

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