क्या आप अपने अंदर चल रहे दुख और खालीपन को व्यक्त करने के लिए खामोशी पर लिखी हुए शायरी की तलाश कर रहे हैं? यदि हाँ, तो हमारा खामोशी शायरी हिंदी में संग्रह आपकी ऐसा करने में मदद करेगा।
2 Line Khamoshi Shayari
खामोशी शायरी आपके दिल में छुपी हुयी कुछ बातों को शब्दो के जरिये बया करती है। आप किसी के सामने जो बात शब्दों में नहीं कह सकते वो बाते आप इन शायरियो के जरिये बता सकते है। यह शायरी उस उदासी को बया करती है जो दर्द से भरी होती है और आप अपनी खामोशी में छिपा लेते है।
मुझ को अपने जैसे ही पसंद हैं
खामोश। साधा। मंफरिद और तनहा।
है ये खामोशी आख़िरी हरबा
अब ना माना तो हार जाऊँगा मैं।
तेरे खामोश होंठों पर मोहब्बत गुनगुनाती है
तू मेरी है, मैं तेरा हूँ बस यही आवाज़ आती है।
कितनी खामोश उसकी मुस्कुराहट थी
शोर बस आँख की नमी में था।
मेरे लफ्ज़ों को ख़ामोश ही रहने दो,
ये बोल पड़े तो बात बढ़ जाएगी।
साँसों को छलनी, जिगर को पार करती है,
ख़ामोशी भी, बड़े सलीके से वार करती है।
अल्फाज को रखा है हमने इश्क के हिफाजत मैं,
खामोशी लापरवाह है अक्सर रिश्ते खो देती हैं।
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाए।
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं।
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह।
चुप रहो तो पूछता है खैर है,
लो ख़ामोशी भी शिकायत हो गयी।
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे।
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं।
दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये खामोशी नहीं रहती हैं।
कैसे कह दूँ मैं सपनों को जीने की ख़्वाहिश नहीं,
हाँ मैं ख़ामोश रहती हूँ पर मन ही मन बोलती हूँ।
जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं।
कैसी है ये मोहब्बत कैसा ये प्यार है,
एक तरफ है खामोशी एक तरफ इंतज़ार है।
जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं।
तुम खामोश हो पर तुम्हारा दिल बोल रहा है,
तुम्हारे खामोश होने का हर राज खोल रहा है।
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेता है,
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है।
खामोशी शायरी
अगर आपका भी कोई दोस्त अपने नाराज है और आपसे बात नहीं करता और खामोश सा रहता है तो आप उनके साथ ये शायरिया जरूर साँझा करे। और अपने दिल की बाटे उनको शब्दो के जरिये बताये।
चलो अब जाने भी दो
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
खामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हम से होगा नहीं।
अजीब है मेरा अकेलापन
ना खुश हूँ, न उदास हूँ बस,
अकेला हूँ और खामोश हूँ।
मोहब्बत नहीं थी तो एक बार,
समझाया तो होता, नादान दिल
तेरी ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा।
मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।
मौत के बाद कि खामोशी देखी है दोस्त,
अपने अंदर वही महसूस कर रहा हूँ अब।
कभी खामोशी बनते है,
कभी आवाज़ बनते है, हर तन्हाई के
साथी मेरे जज़्बात बनते है।
मेरी खामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं।
अल्फाज को रखा है हमने
इश्क के हिफाजत मैं,
खामोशी लापरवाह है
अक्सर रिश्ते खो देती हैं।
बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
खामोश होंठ अक्सर कुछ बयान करते है
आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है,
लव चाहते है कुछ बोलना पर
उन्हे देखकर खामोश हो जाते है।
बहुत खामोशी से गुज़री जा रही है ज़िंदगी
ना खुशिओं की रौनक न गमो का कोई शोर,
आहिस्ता ही सही पर कट जाएगा ये सफर
ना आएगा दिल में उसके सिवा कोई और।
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा,
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर।
खामोशी की भी अपनी
एक अलग ही अहमियत होती है,
तितलियाँ अपनी खूबसूरती का बखान नहीं किया करतीं।
वो अब हर एक बात का
मतलब पूछता है मुझसे ‘फ़राज़’,
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था।
कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है,
ख़ामोशी बहुत खूबसूरत जवाब होती है।
खामोशी को इख़्तियार कर लेना
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।
वो है ख़ामोश तो यूँ लगता है,
हम से रब रूठ गया हो जैसे।
रात गुम-सुम है मगर खामोश नहीं
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं।
बहुत अलग सा है मेरे इश्क़ का हाल,
तेरी एक खामोशी और मेरे लाखों सवाल।
उसे बेचैन कर जाऊंगा मैं भी
ख़ामोशी से गुजर जाऊंगा मैं भी!
ख़ामोश हो जा ऐ दिल ,यहां अब तेरा काम नही
लब तो कब से ख़ामोश है,लब पे तेरा अब नाम नही!
कैसे कह दूँ मैं सपनों को जीने की ख़्वाहिश नहीं
हाँ मैं ख़ामोश रहती हूँ पर मन ही मन बोलती हूँ!
मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है!
हमें उम्मीद है कि आपको हमारी कुछ चुनिंदा खामोशी शायरी का संग्रह पसंद आया होगा। अगर ऐसा है, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।