अधूरी मोहब्बत के बारे में तो आप लोगो को पता ही होगा इसके बारे जायदा बताने के तो जरूरत ही नहीं है। पर ये बात तो सच है अधूरी प्यार हमेशा याद रहता है। और जिंदगी में किसी भी मोड़ पर मिल ही जाता है, फिर हम उनके साथ बिताये हुए पलो को याद करते है।
जब हम किसी से बिछड़ते है तो बहुत ही तकलीफ होती है और तब हमे दूसरे के सच्चे प्यार का एहसास होता है। आज हम अधूरा प्यार पर दो लाइन वाली शायरिया लेके आये है आप इनको पढ़े और अपने प्यार के साथ साँझा करे।
अधूरी मोहब्बत 2 Line शायरी
बिखरा वज़ूद टूटे ख़्वाब सुलगती तन्हाईयाँ,
कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।
अपनी मुलाकात कुछ अधूरी सी लगी,
पास होकर भी दुरी सी लगी।
ए खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो,
तो मेरा लहू लेले, पर यूँ कहानियां अधूरी न लिखा कर।
ऐ खुदा अधूरी ख्वाइस पूरी हो जाए,
मुझे याद करना उनकी मज़बूरी हो जाए।
इश्क़ अधूरा रह जाए तो नाज़ करना,
सच्चा प्यार मुकम्मल नहीं होता।
मोहब्बत हाथ में पहनी गयी चूड़ी की तरह होती है,
खनकती है, संवरती है और आखिर टूट जाती है।
उसकी यादें दिल में ही रह गई थी शायद ,
कोई मजबूरी, जो मेरी काहानी फिर अधूरी रह गई।
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
सच्ची मोहब्बत को अधूरी कर गई।
इश्क चाहे अधूरा रहा मेरा,
लेकिन शायरी मैंने पूरी लिखा है।
सच कहा था किसी ने, अकेला जीना सीख लो,
मोहब्बत कितनी भी सच्ची क्यों न हो धोखा दे जाती है।
वादों की तरह इश्क भी आधा रहा,
मुझ से इश्क में किया उसने हर वादा अधूरा रहा।
एक था राजा एक थी रानी,
दोनो की अधूरी मोहब्बत, खत्म कहानी।
जो इश्क के सहारे जिया करते है
वह अधूरे इश्क के दर्द भरे प्याले पिया करते है।
हमारा इश्क़ अधूरा रहा तो क्या हुआ,
राधा जी और कान्हा का इश्क भी कहा पूरा हुआ।
जो मेरे हर दुआ में शामिल थी,
वह बिन मांगे किसी और को मिल गई।
गजब की जिन्दगी होती है शायरी लिखना
खुद के खंजर से, खुद की खुदाई करना।
बहुत अजीब हैं हमारी मोहब्बत भी
ना उस ने क़ैद में रखा , ना हम फ़रार हुए।
इतिहास गवाह है कि
सच्ची मोहब्बत हमेशा अधूरी ही रहती है।
वो जा चुके हैं मुझे छोड़कर,
पर दिल अब भी मानता नही।
उन्होंने बस महबूब ही तो बदला है इसका गिला क्या करना,
लोग दुआ कुबूल न हो तो खुदा तक बदल देते हैं।
ज़िंदगी में मोहब्बत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना,
हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती।
रात दिन चाँद तारे, इंतजार में हैं बीते,
वक़्त रुक जाए थोड़ा, तुझसे मिलने को जीते।
भले ही ये मोहब्बत अधूरी रह जाए मग़र,
कभी ख़त्म नहीं हो सकती।
याद है हमको अपने सारे ग़ुनाह,
मोह्ब्बत कर ली थी मैंने,
तुमसे कर ली थी और बेपनाह कर ली थी।
दुआ करो उनको मोहब्बत मिल जाए,
क्योंकि अधूरी मोहब्बत बहुत रुलाती है।
तेरे मेरे बीच आयेगी जमाने की ये दीवार
चाहे अधूरी रहे मोहब्बत पर सच्चा था हमारा प्यार।
उम्मीदें नहीं खत्म होती तेरे इंतज़ार में,
ज़िंदगी का हर लम्हा बेमिसाल होती है।
मत पूछ कैसी गुजर रही ज़िन्दगी,
उस दौर से गुजर रहा जो दौर गुजरता ही नही।
वो जिन्हें मिलना नहीं होता,
वो फिर मिलते ही क्यों हैं।
अब दो हिस्सों में बंट गए मेरे सारे अरमान,
कुछ तुझे पाने निकले, और कुछ मुझे समझाने।
सुनो, तुम लौट कर मत आना,
हम पहले जैसी मोह्ब्बत,
फ़िर से नहीं कर पाएंगे।
ये रातें तेरे इंतज़ार में लंबी होती हैं,
आशा के दीपक जलाए, तेरी खुशबू चाहती हैं।
आशा करता हूँ कि आज के पोस्ट में दी गई ये सब अधूरे प्यार वाली शायरी आपको पसंद आयी होगी।